चांदनी में एक अंधेरा,रात का उजाला है,माशूक नें तेवर बदले हैं- दाल में कुछ काला है।।हरकते- मशरूफ हो कर के इश्क जताया है,तोहमत लगाई है ऐसी की होठों पे लिपटा...
अक्सर जब तुम सो जाती हो,चुपके से मेरी हो जाती हो।। आंखों की सीध में लटों के पीछे,खामोश सी आँखें देखता हूँ,जब नींद में मुझको धक्का दे के,हाथों से लिपट...