सीनें से लगा रख्खा था दे गया दगा मुझे

सीनें से लगा रख्खा था दे गया दगा मुझे,कदमों में रखता तो दिल कहता खुदा मुझे। उस्से कहा था बिछडकर मर जानें वाले हैं,इसी ताक में वो देता रहा सजा़...

पलायन

पलायन (Palayan) ओझल होते उम्मीदों का सिलसिला,शहर से गांव जाता काफिला, खाली पैर और रास्ता पथरीला,तेज़ धूप और आग उगलता सूरज चमकीला, जोर की प्यास और खाली पतिला,पति का हाथ...

आत्महत्या आखिर क्यूं?

aatmhatya aakhir kyun वो ऐसा कर ही नहीं सकता।मैं जानता था उसे,अरे! लंगोटिया यार था अपना,बचपन से पहचानता था उसे। मुझे तो इसमें कोई साज़िश लगती है,हत्या की गुंजाइश लगती...