चांदनी में एक अंधेरा

चांदनी में एक अंधेरा,रात का उजाला है,माशूक नें तेवर बदले हैं- दाल में कुछ काला है।।हरकते- मशरूफ हो कर के इश्क जताया है,तोहमत लगाई है ऐसी की होठों पे लिपटा...