अक्सर जब तुम सो जाती हो,चुपके से मेरी हो जाती हो।। आंखों की सीध में लटों के पीछे,खामोश सी आँखें देखता हूँ,जब नींद में मुझको धक्का दे के,हाथों से लिपट...
पलायन (Palayan) ओझल होते उम्मीदों का सिलसिला,शहर से गांव जाता काफिला, खाली पैर और रास्ता पथरीला,तेज़ धूप और आग उगलता सूरज चमकीला, जोर की प्यास और खाली पतिला,पति का हाथ...
aatmhatya aakhir kyun वो ऐसा कर ही नहीं सकता।मैं जानता था उसे,अरे! लंगोटिया यार था अपना,बचपन से पहचानता था उसे। मुझे तो इसमें कोई साज़िश लगती है,हत्या की गुंजाइश लगती...