Poetry आत्महत्या आखिर क्यूं? राकेश कुमार "पंकज"June 18, 2020September 26, 2020 aatmhatya aakhir kyun वो ऐसा कर ही नहीं सकता।मैं जानता था उसे,अरे! लंगोटिया यार था अपना,बचपन से पहचानता था उसे। मुझे तो इसमें कोई साज़िश लगती है,हत्या की गुंजाइश लगती...