Meri zindagi ke woh lamhe

2020 – इतिहास के पन्नो में शामिल होगा ये साल जहां ज्यादातर लोग परेशान है इस साल से, और हो भी क्यों ना ? कोरोना दिया है इस साल ने हमे !

और मुझे दिया इश्क़ !!!

और इस साल ने मुझे दिए मेरी ज़िन्दगी के सबसे खूबसूरत लम्हे ,

एक ऐसा शख्स जो हमेशा मेरा इश्क़ रहेगा !

तो ये कहानी है एक ऐसी लड़की की जिसे कभी प्यार नहीं मिला , बचपन में ही मम्मी-पापा का अलग होना | माँ का अपनी ही दुनिया में व्यस्त रहना , ना कोई दोस्त , ना कोई परिवार| स्कूल तक तो ये लड़की सिर्फ और सिर्फ डिज्नी की सिंडिरेल्ला और स्नो-वाइट की स्टोरी देखकर बड़ी हुई | हमेशा यही सोचते हुए एक दिन मेरे सपनो का राजकुमार आएगा और सब ठीक होजयेगा , हाहाहा (बेवक़ूफ़ लड़की) .

meri jindgi ke woh lamhe

अब ये लड़की पहुँचती है कॉलेज

और आशिक़ो की लाइन लग जाती है , क्या बात है, है ना कोई भी लड़की खुश होगी इन सबसे ना ना ना , भूल गए क्या ये तो हमेशा से अकेली रही है !

इस अटेंशन से तो घबरा जाएगी ! वही हुआ, डर गयी बेचारी !
कुछ समय बाद इसी की फ्रेंड्स ने एक कॉमन फ्रेंड जिसका शुभ नाम विशाल था उससे फ्रेंडशिप करवा दी , फंस गयी बेचारी | ज़िन्दगी में पहली बार इतने अच्छे दोस्त मिले , कैसे अलग हो जाये उनसे |

उनके कहने पर इस बेवकूफ लड़की ने विशाल से फ्रेंडशिप की और उसने प्रोपोज़ भी कर दिया जो उनका प्लान ही था |

सबके कहने पर इसको हाँ करनी पड़ी लेकिन वो खुश थी क्युकी

पहली बार उसे लगा किसी को उसके वजूद से , उसके होने न होने से फर्क पड़ता है !

फंस गयी बेचारी!

अब आप सोचोगे इसी इश्क़ की बात हो रही है !

ना बाबा ना ! ये इश्क़ नहीं है !

Meri zindagi ke woh lamhe

कुछ साल तो सब ठीक था ! लेकिन अब उस लड़के के असली रंग दिखने लगे !
सात साल बीत गए इस लड़की को रोते हुए ! शादी होने वाली है मैडम की 2020 में | और ये बेवकूफ लड़की सोचती है शादी करके सब ठीक होजायेगा , यही तो होता था उन स्टोरीज में , शादी हो गयी और सब ठीक हो जायेगा !


लेकिन वो खुश नहीं है जैसे अंदर से कुछ खा रहा हो उसे , कमज़ोर होती चली गयी ! अब तो सारी उम्मीद भी ख़त्म इसकी !

फिर आता है 2020 !!!

सोशल मीडिया के ज़रिये इसकी मुलाक़ात हुई एक शख्स से जिसके लिए वो बिलकुल सीरियस नहीं थी ! कभी कभी बात हो जाती थी और इस शख्स का नाम राहुल (rahul !!! Naam to suna hi hoga ) है , ना जाने क्या बात थी इनमे ना चाहते हुए भी रोज़ाना बाते हुई नंबर्स एक्सचेंज हुए और मिलने की भी प्लानिंग हो गयी ! अब आप सोचोगे कॉमन है |

जी नहीं ये हरकते इस लड़की ने पहली बार की है ! राहुल के बहुत कहने पर ये मान जाती है ! सोचती है शादी हो ही रही है एक दोस्त से मिलने में हर्ज़ ही क्या है ? आजतक तो कोई गलती नहीं की मैंने एक छोटी सी चोरी तो करूगी अब हर्ज़ ही क्या है ?

पहली मुलाक़ात –

तो वो पहली मुलाक़ात उनसे ऐसी लगती है जैसे ऊपर वाले की कोई खूबसूरत सी साजिश | दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के बाहर वो स्कूटी पर वेट कर रहे थे ना जाने कबसे ,

मेरी ना एक बुरी आदत है लेट होना , मैं कुछ भी कर लु हमेशा लेट होती हु | मेट्रो के गेट से बहार जाते हुए मन मैं आ रहा था नहीं यार वापस चली जाऊ , अजीब सा डर लग रहा था ना जानें क्यों |

मेट्रो के बाहर वो ना जाने कबसे वेट कर रहे थे | अब सामने दिखे वो और मुझे देखने की हिम्मत ही नहीं हुई | मन हुआ भाग जाऊ बस | फिर बस उनकी आँखें दिखी हेलमेट में ,

उ़फ वो आँखें , दुनिया की सबसे खूबसूरत आँखें ,उनमे देखते ही जैसे कहीं खो गयी , जैसे कुछ पुराना रिश्ता है इन आँखों से , जैसे पहले भी कभी इन्ही आँखों को देखकर अपनी शाम बिता दी थी मैंने |

वो आवाज़,कोई पुराना रिश्ता

उनसे बाते हुई ,उनकी आवाज सुनकर लग रहा था जैसे मैं उस आवाज को जानती हूं | कुछ पुराना रिश्ता है इन आँखों से इस आवाज़ से , फिर वो भी कितना ड़र रहे थे या शायद घबराह रहे थे |

बड़ी फालतू के मज़ाक हुए हमारे उस पार्क की धुप में बैठकर ,कितना सुकून था उस पल में की टाइम का पता ही नहीं चला | पहली बार गलती करके दिल खुश था मेरा जैसे सब भूल गयी थी उस दिन |और फिर उनका मेट्रो तक स्कूटी से ड्राप करते हुए ठण्ड से कांपना , इतनी ठण्ड थी जनाब हलके से लाइट ब्लू स्वेटर में थे | कितना मन था मेरा उनको कांपते देखकर गले लगाने का लेकिन ये तो गलत होता न , क्यों होता गलत ? बस गलत है | छोड़ दिया उनको कांपते हुए ही |

लेकिन वो ऐसे नहीं , स्कूटी लगायी पार्किंग में और कहा चलो घर तक छोड़ कर आते है आपको | अरे चली जाउंगी , आप कहाँ डेढ़ घंटे दूर तक मेरे साथ आओगे मेट्रो में ,

वो बोले अरे इसमें क्या प्रॉब्लम है थोड़ा और टाइम मिल जायेगा साथ हमे | हाय ! इतना कभी नहीं सोचा किसी ने मेरे बारे में |

Meri zindagi ke woh lamhe

वो पल

उस पल तक मुझे इश्क़ हो चूका था लेकिन मन शायद मानने को राज़ी नहीं था शादी होने वाली है मेरी २ महीने में मन में ऐसे ख्याल भी नहीं आने चाहिए न , क्या कर सकते है| कण्ट्रोल करो फीलिंग्स अपनी , और मेट्रो में एस्कलेटर पर जब उन्होंने फर्स्ट टाइम हाथ पकड़ा मेरा, मेने झटका देकर छुड़ा लिया लेकिन नहीं फिर से पकड़ लिया | ये तो बर्बाद करने के मन से ही आये थे |

बस हो गया इश्क़ | कर दिया उनकी आँखों ने वो काला जादू | और वो आवाज़ , उनकी आवाज़ सुनते ही जो दिल को सुकून मिलता है जैसे बरसो के प्यासे को अमृत मिल गया हो | और उनका वो टच , हाय !!! खिल जाती हु जैसे |

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जो एहसास होते भी है या नहीं, जिनका मुझे अंदाज़ा भी नहीं था वो उनके एक टच ने करा दिए |

मेरी पहली और आखिरी सबसे खूबसूरत गलती | ये न की होती तो ज़िन्दगी क्या होती है , इश्क़ क्या होता है शायद कभी पता नहीं चलता |अब उनका साथ रहे या ना रहे इश्क़ का एहसास करा ही गया कोई. |

2020 – याद रहेगा ये साल जहां सब बर्बाद हुए मैं आबाद हो गयी | जैसे उस कीचड़ जैसे, साल में मेरा ही कमल खिला था |

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Tu Wapas Mat Aana

Mere aansuo(मेरे आंसु )

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