चांदनी में एक अंधेरा

चांदनी में एक अंधेरा,रात का उजाला है,माशूक नें तेवर बदले हैं- दाल में कुछ काला है।।हरकते- मशरूफ हो कर के इश्क जताया है,तोहमत लगाई है ऐसी की होठों पे लिपटा...

आइने की अशर्फी

आइने की अशर्फी में ये मिठास क्या है!आज मेरे चेहरे में ये होठों के पास क्या है!! कुछ झिलमिला रहा है क्या याद है किसी की!आंखों से छूने का ये...