Poetry आइने की अशर्फी Naveen singhSeptember 19, 2020June 14, 2021 आइने की अशर्फी में ये मिठास क्या है!आज मेरे चेहरे में ये होठों के पास क्या है!! कुछ झिलमिला रहा है क्या याद है किसी की!आंखों से छूने का ये...
Poetry बस एक तमन्ना जीवन कि Naveen singhSeptember 8, 2020June 14, 2021 बस एक तमन्ना जीवन कि वहीं डूब के मरना हो!खुशबू अदरक की मस्त करे और चाय का झरना हो!! हर सांस कलेजे के अंदर प्याली को तरसती हो!हर बूंद जहां...
Poetry सीनें से लगा रख्खा था दे गया दगा मुझे Akshay TyagiSeptember 4, 2020June 14, 2021 सीनें से लगा रख्खा था दे गया दगा मुझे,कदमों में रखता तो दिल कहता खुदा मुझे। उस्से कहा था बिछडकर मर जानें वाले हैं,इसी ताक में वो देता रहा सजा़...