Poetry Khil Uthogi राकेश कुमार "पंकज"June 9, 2020September 26, 2020 Khil Uthogi एक दिन तुम किसी ग़ज़ल में कमल बन खिल उठोगी |सोने फीके लगेंगे और तुम पीतल बन खिल उठोगी | हमसे तो बेचारगी देखी ही नहीं जाती बाजार...